लघु वनोपज संग्रहण में 'छत्तीसगढ़' देश में "प्रथम": Chhattisgarh 1st in Small Forest Product Collection

दोस्तों छत्तीसगढ़ राज्य सन 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बना था, तब छत्तीसगढ़ को कोई जानता भी नहीं था परन्तु अब धीरे धीरे छत्तीसगढ़ अब हर क्षेत्र में आगे आते जा रहा है। उन्ही में से एक क्षेत्र है लघु वनोपज संग्रहण का क्षेत्र जिसमे छत्तीसगढ़ ने अपना पहला स्थान बरक़रार रखा है। आज इस लेख के माध्यम से जानेंगे की छत्तीसगढ़ में किन-किन पनोपज का संग्रहण किया जाता है, कौन सी संस्था इस कार्य का देख-रेख करती है और कितने रुपयों का संग्रहण किया गया। 

लघु वनोपज संग्रहण में 'छत्तीसगढ़' देश में "प्रथम": Chhattisgarh 1st in Small Forest Product Collection
लघु वनोपज संग्रहण में 'छत्तीसगढ़' देश में "प्रथम": Chhattisgarh 1st in Small Forest Product Collection 


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में लघु वनोपजों के संग्रहण का आंकड़ा दिनों-दिन बढ़ रहा है। यही वजह है कि देश में चालू सीजन के दौरान वनोपजों के संग्रहण के मामले में छत्तीसगढ़ लगातार पहले नम्बर पर बना हुआ है। 

छत्तीसगढ़ में पिछले छह माह में 104 करोड़ रूपए की राशि के लगभग डेढ़ लाख क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण हो चुका है, जो चालू सीजन के दौरान देश में अब तक संग्रहित कुल लघु वनोपजों का 73.71 प्रतिशत है। इस तरह छत्तीसगढ़ में 100 करोड़ रूपए से अधिक राशि के लघु वनोपजों के वार्षिक संग्रहण लक्ष्य को छह माह पहले अर्थात् छह माह में ही हासिल कर लिया गया है, जो राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 

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वन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा वनवासी ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखते हुए खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या बढ़ाकर अब 31 तक कर दी गई है। इसके पहले प्रदेश में वर्ष 2015 से 2018 तक मात्र सात वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही थी। 

लघु वनोपज के नाम:

 इमली, पुवाड़(चरोटा), हर्रा, कालमेघ, बहेड़ा, महुआ फूल (सूखा), नागरमोथा, धवई फूल (सूखा), करंज बीज, इमली फूल, शहद, बेल गुदा, रंगीनी लाख, आँवला (बीज रहित), फूल झाडू, कुसुमी लाख, कुल्लू गोंद, चिरौंजी गुठली, महुआ बीज, जामुन बीज (सूखा), कौंच बीज, वन तुलसी बीज, बायबडिंग, वन जीरा बीज, साल बीज, इमली बीज, गिलोय, बहेड़ा कचरिया, भेलवा, हर्रा काचरिया, नीम बीज। 

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में 3 हजार 500 ग्रामों तथा 866 हाट बाजारों में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर क्रय करने की व्यवस्था की गई है। इसी तरह राज्य में लघु वनोपजों के प्राथमिक प्रसंस्करण कार्य के लिए 139 वन धन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। राज्य में चालू सीजन के दौरान अब तक लघु वनोपजों में 61 करोड़ रूपए की राशि के 3 लाख 4 हजार 242 क्विंटल साल बीज तथा 20 करोड़ रूपए की राशि के 63 हजार 676 क्विंटल ईमली (बीज सहित) का संग्रहण हो चुका है। इसी तरह 8 करोड़ रूपए की राशि के 28 हजार 158 क्विंटल महुआ फूल (सूखा), 87 लाख रूपए की राशि के 5 हजार 107 क्विंटल बहेड़ा, 70 लाख रूपए की राशि के 5 हजार क्विंटल पुवाड (चरोटा) का संग्रहण किया गया है। 

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संगठन:

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संगठन
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संगठन

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित एक त्रि-स्तरीय संरचना वाला शीर्ष सहकारी संगठन है। इस संगठन में एक राज्य स्तर की शीर्ष निकाय कार्यरत है, इसके साथ 31 जिला यूनियन और 901 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियॉं शामिल है। वर्तमान में राज्य के सम्पूर्ण क्षेत्र मे लगभग 10,300 संग्रहण केंद्र (जिन्हें फड़ कहा जाता है) और लगभग 13.76 लाख वनोपज संग्रहण करने वाले परिवार हैं। राज्य लघुवनोपज संघ राज्य में प्रबंधन, विकास और व्यापार से संबंधित सभी पहलुओं का कार्य सम्हालती है।

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