ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति में लिथियम (Li) की भूमिका | बिग बैंग थ्योरी| Lithium Definition | Big Bang Theory |

दोस्तों, आज जानेंगे लिथियम से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी के बारे में, लिथियम कैसे इस ब्रम्हाण्ड में आया, ब्रम्हाण्ड की उत्पत्ति में लिथियम का क्या योगदान है, लिथियम की परिभाषा क्या है। आज हम लिथियम से सम्बंधित सारे पहलुओं के बारे में यहाँ बात करने वाले है। 

ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति में लिथियम (Li) की भूमिका | बिग बैंग थ्योरी|
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति में लिथियम (Li) की भूमिका | बिग बैंग थ्योरी|

लिथियम से जुड़ी रोचक तथ्य:

  • लिथियम की खोज 1817 में स्वीडिश रसायनशास्त्री जोहन ऑगस्ट आर्वेडसन और जॉन्स जैकब ने की थी। 
  • यह एक रासायनिक तत्व है। 
  • इसे सामान्य परिस्थिति में सबसे हल्की और कम घनत्व वाले ठोस पदार्थ का दर्जा हासिल है। 
  • लिथियम एक क्षारीय धातु होने के कारण अत्यंत अभिक्रियाशील धातु भी है। 
  • लिथियम आक्सीजन से अत्यंत तीव्र क्रिया कर जलने लगता है, जिसके कारण इसे तेल में डूबा कर रखा जाता है। 
  • तेल से निकालने पर यह चमकीला तथा धीरे-धीरे भूरा होने लगता है और कुछ समय पश्चात काला हो जाता है। 
  • धातु होने के बावजूद भी इसे चाकू से काटा जा सकता है। 
  • 2019 का रसायन नोबेल पुरुस्कार लिथियम बैटरी के विकास के लिए जॉन बी गुडेनफ, एम स्टेनले विटिंघम और अकीरा योशीनो को संयुक्त रूप से दिया गया है।  

लिथियम की परिभाषा ( Definition of Lithium) :

लिथियम एक ऐसा रसायनिक तत्व है जो क्षार धातु समूह का सबसे हल्का धातु है जिसका परमाणु क्रमांक 3 है। लिथियम का उपयोग विशेष रूप से मिश्र धातु और काँच निर्माण में होता है, इसका उपयोग यांत्रिक स्नेहक और भण्डारण (storage) बैटरी में भी किया जाता है। इसे अंग्रेजी के अक्षर Li के द्वारा दर्शाया जाता है। 
 

संस्थान जिन्होंने लिथियम के बारे के अध्ययन की:

  • गौरलतब है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स’ (Indian Institute of Astrophysics- IIA) के वैज्ञानिकों ने अपने अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर ये साक्ष्य प्रस्तुत किये है। 
  • वैज्ञानिकों ने ‘आकाशगंगा पुरातत्त्व परियोजना, एंग्लो-ऑस्ट्रेलियाई टेलीस्कोप, ऑस्ट्रेलिया’ (Galactic Archaeology project, Anglo-Australian Telescope, Australia- GALAH) के बड़े सर्वेक्षणों और यूरोपीय अंतरिक्ष मिशन (GAIA) से एकत्र हज़ारों तारों के स्पेक्ट्रा का उपयोग किया। 
  • GAIA यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की एक अंतरिक्ष वेधशाला है, जिसे 2013 में लॉन्च किया गया था। 
( हाल ही में ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ में प्रकाशित एक अध्ययन में सूर्य जैसे कम द्रव्यमान वाले तारों के कोर हीलियम (He) ज्वलन चरण के दौरान लिथियम उत्पति की परिघटना के विषय में ठोस पर्यवेक्षण साक्ष्य प्रस्तुत किये गए। )

लिथियम की उत्पत्ति 

हल्की ज्वलनशील, धातु लिथियम (Li) ने आधुनिक संचार उपकरणों और परिवहन क्षेत्र में कई परिवर्तन किये हैं। वर्तमान समय में तकनीक का एक बड़ा हिस्सा लिथियम व इसके विभिन्न प्रकारों द्वारा संचालित है किंतु लिथियम के विषय में प्रश्न यह है कि यह तत्त्व आता कहाँ से है? लिथियम के अधिकांश भाग की उत्पत्ति का पता एक ही घटना से लगाया जा सकता है- वह है बिग-बैंग, जो लगभग 13.7 अरब साल पहले घटित हुआ था जिसके द्वारा वर्तमान ब्रह्मांड का भी निर्माण हुआ था।

समय के साथ, भौतिक ब्रह्मांड में लिथियम की मात्रा में चार गुनी वृद्धि हुई है, जिसे कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, आयरन, निकेल और अन्य तत्त्वों की तुलना में काफी कम कहा जा सकता है क्योंकि इन तत्त्वों की मात्रा में एक मिलियन गुनी वृद्धि हुई है। लिथियम में अपेक्षाकृत बहुत कम मात्रा में वृद्धि हुई है। 

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लिथियम की इतनी कम मात्रा का स्रोत वैज्ञानिकों के बीच बहस का विषय है। माना जाता है कि उच्च-ऊर्जा वाली ब्रह्मांडीय किरणों से इंटरस्टेलर स्पेस में कार्बन और ऑक्सीजन जैसे भारी तत्त्वों के टूटने से लिथियम का निर्माण हुआ।

तारों द्वारा बड़े पैमाने पर उत्क्षेपण और तारकीय विस्फोट भारी तत्त्वों की इस महत्त्वपूर्ण वृद्धि में प्राथमिक योगदानकर्त्ता हैं। हालाँकि लिथियम को एक अपवाद माना जाता है।

बिग बैंग संकल्पना और लिथियम:

लिथियम (Lithium- Li) बिग बैंग न्यूक्लियोसिंथेसिस (Big Bang Nucleosynthesis- BBN) से उत्‍पन्‍न तीन मौलिक तत्त्वों में से एक है। अन्‍य दो तत्त्व हाइड्रोजन (H) और हीलियम (He) हैं।

बिग बैंग थ्योरी ब्रम्हाण्ड की उत्पत्ति का एक सिद्धांत है जिसके अनुसार यह कहा गया है की हमारा ब्रम्हाण्ड बहुत सारे छोटे-छोटे कणों से मिल कर बना हुआ है, 13.7 अरब वर्ष पूर्व इसमें विस्फोट होने के कारण ब्रम्हाण्ड के कण फैलते गए और आज भी फैल रहा है।

लिथियम से संबंधित कुछ अवधारणाएँ :

  • आज के सर्वश्रेष्ठ मॉडलों पर आधारित वर्तमान समझ के अनुसार, हमारे सूर्य जैसे तारों में लिथियम उनके जीवनकाल में ही नष्ट हो जाता है। 
  • तथ्य के रूप में, सूर्य और पृथ्वी में सभी तत्त्वों की संरचना समान है। लेकिन, सूर्य में लिथियम की मात्रा पृथ्वी की तुलना में 100 गुनी कम है, हालाँकि दोनों का निर्माण एक साथ हुआ था।
  • यह खोज लंबे समय से चली आ रही इस धारणा को चुनौती देती है कि तारे अपने जीवनकाल में ही लिथियम को नष्ट कर देते हैं, जिसका अर्थ है कि सूर्य स्वयं भविष्य में लिथियम का निर्माण करेगा, जिसकी भविष्यवाणी मॉडल द्वारा नहीं की जाती है, जो दर्शाता है कि तारा-सिद्धांत में कुछ भौतिक प्रक्रिया छूटी हुई है।

अध्ययन से संबंधित कुछ अन्य तथ्य:

इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने तारे के मुख्य हाइड्रोजन-ज्वलन चरण के अंत में लिथियम उत्पादन के स्रोत के रूप में "He फ्लैश" (विस्फोट के माध्यम से तारे में HE-प्रज्वलन की शुरुआत) की भी पहचान की। यहाँ यह जानना बेहद ज़रूरी है कि हमारा सूर्य लगभग 6-7 अरब वर्षों के बाद इस चरण में पहुँचेगा।

इस अध्ययन में तारों को लिथियम-संपन्न के रूप में वर्गीकृत करने के लिये नई सीमा (A(Li) > -0.9~dex) का भी सुझाव दिया गया है, जो अब तक इस्तेमाल की गई सीमा (A(Li) > 1.5~dex) से 250 गुना कम है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारे लिये अगला महत्त्वपूर्ण कदम He-फ्लैश और मिक्सिंग मैकेनिज़्म के दौरान लिथियम के न्यूक्लियोसिंथेसिस को समझना है, जो अभी तक अनजान है। इसके साथ ही यह जानना भी ज़रूरी है कि क्या बिग-बैंग में इसके निर्माण के बाद से इसकी मात्रा में वृद्धि हुई है और क्या केवल तारों ने इस वृद्धि में योगदान दिया है?
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