छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण गुफाएँ | Chhattisgarh Ki Mahatvapurn Gufayen |

दोस्तों, आप सभी जानतें है की छत्तीसगढ़ राज्य अपने प्राकृतिक धरोहर के कारण प्रसिद्ध है। यहाँ अनेक स्थान ऐसे  हैं, जो विश्व के प्रसिद्ध स्थानों से ज्यादा खूबसूरत हैं , परन्तु सरकारों की अनदेखी और मूल सुविधाओं के अभाव के कारण ये स्थान अपनी पहचान बनाने में असमर्थ रहे हैं। आज हम जानेंगे छत्तीसगढ़ के उन महत्वपूर्ण गुफाओं के बारे में जो अपने आप में एक खास स्थान रखते हैं। 

छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण गुफाएँ | Chhattisgarh Ki Mahatvapurn Gufayen |
छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण गुफाएँ | Chhattisgarh Ki Mahatvapurn Gufayen |

छत्तीसगढ़ में गुफाओं की सूची जिला के आधार पर (List of Caves in Chhattisgarh according to District)

1. सरगुजा जिले में स्थित गुफाएँ:

  • सीताबेंगरा की गुफा 
  • जोगीमारा की गुफा 
  • हाथीपोर की गुफा 
  • झपीबेंगरा की गुफा 
  • आरा पहाड़ी की गुफा 

2.रायगढ़ जिले में स्थित गुफाएँ:

  • सिंघनपुर गुफा 
  • कबरा पहाड़ 
  • बोतल्दा 
  • बसनाझर 
  • ओंगना 
  • टीपाखोल 
  • बेनीपाट 
  • अमर गुफा (सोनबरस)

3. कोरबा जिले में स्थित गुफाएँ:

  • शंकर खोल गुफा (चैतुरगढ़)

4. बस्तर जिले में स्थित गुफाएँ:

  • कुटुमसर की गुफा 
  • कैलाश गुफा (बस्तर)
  • अरण्यक गुफा 
  • देवगिरि की गुफा
  • शीत गुफा 
  • दण्डक गुफा 
  • रानी गुफा 

5. बीजापुर जिले की गुफाएँ:

  • नड्डापल्ली की गुफा 
  • आवापल्ली की गुफा 
  • लंका गुफा 
  • शकल नारायण की गुफा 

6. कांकेर में स्थित गुफा:

  • जोगी गुफा (कांकेर)

7. राजनांदगाँव में स्थित गुफा:

  • चितवाडोंगरी की गुफा 

8. कोरिया में स्थित गुफा:

  • सीतामणी गुफा (घाघरा)

9. जशपुर जिले में स्थित गुफाएँ:

  • कैलाश गुफा 

कुटुंबसर की गुफा: 

छत्तीसगढ़ में स्थित सबसे प्रसिद्ध गुफा कुटुंबसर की गुफा है। इस गुफा की तुलना अमेरीका के न्यू मैक्सिको स्थित प्रसिद्ध कार्ल्सबैड कैवर्न्स से की जाती है। यह गुफा छतीसगढ़ के बस्तर जिले में  जिलामुख्यालय से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में घने जंगलों के बीच स्थित है। घने जंगलों के मध्य होने के कारण इसे पहले के समय में कोई जानता नहीं था, जिसके कारण ही इसे पहले गोपन गुफा कह कर पुकारते थे (गोपन का अर्थ होता है छिपा हुआ)। 

कुटुंबसर की गुफा
कुटुंबसर की गुफा (Image by Chhattisgarh Tourism Board)


कुटुंबसर की गुफा की खोज डॉ. शंकर तिवारी ने सन 1958 ई. में किया था। यह गुफा जल द्वारा निर्मित होने के कारण चूने से इसमें 2 विशेष प्रकार की संरचना बनी। छत में लटके हुए चूने के पत्थर को स्टेलेक्टाइट और जमीन पर निर्मित चूने की संरचना को स्टेलेग्माइट के नाम से जाना जाता है। इस गुफा में बरसात के दिनों में पानी भरने के कारण यहाँ एक विशेष प्रकार की मछलियाँ पायी जाती है जिसे गुफा के खोजकर्ता डॉ शंकर तिवारी के नाम पर कैप्टिओला शंकाराई का नाम दिया गया है। 

कबरा पहाड़:

कबरा पहाड़ छत्तीसगढ़ में मानवनिर्मित गुफाओं में से एक है तथा इसमें सर्वाधिक मात्रा में शैलचित्र पाया गया है। इतिहासकार यह मानते हैं कि यह गुफा मध्य पाषाणकाल का है, पुरातत्वविदों के लिए सबसे खास इस गुफा में पंक्तिबद्ध मानव समूह का सीढ़ीनुमा अमूल्य भित्तिचित्र प्राप्त हुआ है, इन चित्रों के अलावा हिरण, घोड़ा, कछुआ और भैंस की चित्रें भी प्रमुख है। कबरा पहाड़ रायगढ़ जिलामुख्यालय से सिर्फ 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

कबरा पहाड़
कबरा पहाड़ (Image by Chhattisgarh Tourism Board)


सिंघनपुर गुफा:

सिंघनपुर गुफा पाषाणकालीन शैलचित्रों के लिए प्रसिद्ध है। इस गुफा की खोज एंडरसन नामक अंग्रेज द्वारा 1910 में किया गया था। पूर्व पाषाणकालीन गुफाओं में छत्तीसगढ़ की सिंघनपुर गुफा सबसे प्राचीनतम गुफा है। इस गुफा के अंदर मानव द्वारा आखेट करता हुआ शैलचित्र दर्शनीय है। इस गुफा में नृत्यसांगना की एकमात्र शैलचित्र छत्तीसगढ़ से प्राप्त हुआ है। यह सिंघनपुर गुफा रायगढ़ से 20 किलोमीटर तथा हावड़ा रेल लाइन में स्थित भूपदेवपुर रेल्वे स्टेशन से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर  स्थित है।

रामगढ़ गुफा:

छत्तीसगढ़ के सबसे प्राचीन नाट्यशाला रामगढ़ के इसी में मौजूद है। यह गुफा सरगुजा जिले में उदयपुर तहसील में स्थित 300 फ़ीट ऊँचे पहाड़ में स्थित है। रामगढ़ गुफा के प्रसिद्ध होने का करण यह भी है कि यहाँ भगवान राम ने अपने वनवास के समय कुछ समय व्यतीत किये थे, इस गुफा के पास में ही सीता बेंगरा भी मौजूद है। यही पर ही कहाकवि कालिदास जी ने अपने सुप्रसिद्ध रचना मेघदूत को लिखा था। उन्होंने इस पर्वत को रामगिरि के रूप में अपनी रचना में दर्शाया है। इस गुफा की खोज कर्नल आउस्ले द्वारा किया गया है। 

रामगढ़ गुफा
रामगढ़ गुफा (Image by Chhattisgarh Tourism Board)


जोगीमारा गुफा:

जोगीमारा की गुफा रामगढ़ की पहाड़ी में सीताबेंगरा गुफा के निकट ही मौजूद है। यह गुफा अपने आप में हमारे इतिहास को बताने के लिए काफी जानकारी प्रदान करता है। यहाँ ही पाली भाषा और ब्राम्ही लिपि में लिखा हुआ लेख प्राप्त हुआ है जो हमें यह बताता है की यहाँ मौर्यकालीन प्रभाव रहा है। अजंता एलोरा गुफाओं के समकक्ष  जोगीमारा गुफा में अनेक देवी-देवताओं, राक्षसों, दैत्य-दानवों, पुष्प, पत्तियां पेड़ तथा हाथियों के रंगीन भित्तिचित्र प्राप्त हुए है। इस गुफा का अवलोकन पुरातत्वेत्ता कैप्टन टी. ब्लॉश ने सन 1904 में किया था, जिन्होंने इसे 2000 साल पुराने गुफा का दर्जा दिया है। 

जोगीमारा गुफा
जोगीमारा गुफा (Image by Chhattisgarh Tourism Board)


कैलाश गुफा (जशपुर):

समरबार संस्कृत महाविद्यालय के पास स्थित कैलाश गुफा बहुत खूबसूरत है। यह महाविद्यालय देश का दूसरा संस्कृत महाविद्यालय है और जंगलों में स्थित है। कैलाश गुफा का निर्माण पहाड़ियों को काटकर बड़ी ही खूबसूरती के साथ किया गया है। गुफा के पास मीठे पानी की जलधारा है जहां पर पर्यटक अपनी प्यास बुझा सकते हैं। पर्यटकों में यह गुफा बहुत लोकप्रिय है। इसे देखने के लिए पर्यटक प्रतिदिन यहां आते हैं। यह गुफा जशपुर जिले के बगीचा तहसील से सिर्फ 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 

यह गुफा गहिरा गुरु के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस गुफा के निकट ही संत रामेश्वर गहिरा गुरु संस्कृत महाविद्यालय स्थित है जिसकी स्थापना 1 जुलाई सन 1953 को श्री रामेश्वर गहिरा के द्वारा ही किया गया है। इस महाविद्यालय में आज भी गुरुकुल पद्धिति से पढ़ाई होती है। 

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