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छत्तीसगढ़ में भी बनेंगे रक्षा उपकरण बढ़ेगा राज्य का मान |
उद्योग की स्थापना: दुर्ग जिले के बिरेभांठ में
कंपनी का नाम: मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड
कंपनी द्वारा निवेश: 87.50 करोड़ रूपए लगभग
रोजगार: 150 लोगों को,
उत्पादन किसके लिए: विभिन्न सशस्त्र सेनाओं-थल सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ तथा राज्य सरकार के सशस्त्र बलों के लिए किया जाएगा बुलेटप्रूफ जैकेट एवं हेलमेट का उत्पादन
प्रथम चरण में उत्पादन: एक-एक लाख बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट का
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में आज छत्तीसगढ़ में रक्षा श्रेणी के उद्योग की पहली उत्पादन इकाई की स्थापना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह औद्योगिक इकाई भारत सरकार के विभिन्न सशस्त्र सेनाओं यथा थल सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ तथा राज्य सरकार के सशस्त्र बलों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट एवं हेलमेट का उत्पादन करेगी।
छत्तीसगढ़ शासन के उद्योग विभाग और रक्षा उत्पादों की औद्योगिक इकाई स्थापित करने वाली कम्पनी मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड, दुर्ग के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। रक्षा उत्पादों की यह इकाई छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बिरेभांठ गांव में स्थापित की जाएगी। इस इकाई में कम्पनी द्वारा लगभग 87.50 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश किया जाएगा। इस उद्योग के माध्यम से लगभग 150 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। प्रथम चरण में रक्षा उत्पादों की यह औद्योगिक इकाई एक-एक लाख बुलेटप्रूफ जैकेट एवं हेलमेट का उत्पादन करेगी।
एमओयू में उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ और मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड के एम.डी. श्री एस स्वामीनाथन ने हस्ताक्षर किए। प्रमुख सचिव श्री पिंगुआ ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति में रक्षा श्रेणी के उद्योगों को उच्च प्राथमिकता श्रेणी में रखा गया है। छत्तीसगढ़ में स्थापित होने वाली इस प्रथम इकाई के लिए डीआरडीओ से तकनीकी के लिए अनुबंध किया गया है। मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड के एम.डी. श्री एस स्वामीनाथन ने बताया कि इस इकाई में नवम्बर तक उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा।
मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड, दुर्ग द्वारा लायसेेंस एवं एग्रीमेंट के तहत डिफेंस टेक्नालाजी हेतु भारत सरकार से 25 मार्च 2019 को अनुबंध किया गया है, जिसके तहत स्थापित होने वाली इस इकाई को भारत सरकार की विभिन्न सशस्त्र सेनाओं यथा थल सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ तथा राज्य सरकार के सशस्त्र बलों हेतु बुलेटप्रूफ जैकेट एवं हेलमेट निर्माण हेतु 5 मई 2020 को अनुमति जारी की गई है। भारत सरकार द्वारा इस उद्योग की स्थापना के लिए दिए गए लायसेंस के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा आज एमओयू निष्पादित किया गया है।
मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड, दुर्ग एक प्रतिष्ठित इकाई है, जो विगत 35 वर्ष से कार्यरत है। इस इकाई में वर्तमान में हैवी फेब्रीकेशन जैसे ब्रिज आदि का निर्माण होता है तथा इसमें लगभग 600 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त है।
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CG News Hindi |
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