ट्राइबल टूरिज्म सर्किट | छत्तीसगढ़ में पर्यटन को एक नया आयाम | फैमिली के साथ प्रकृति के बीच गुजार सकतें हैं एक क्वालिटी टाइम


दोस्तों, क्या आप अपने छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक धरोहर से पूरी तरह वाकिफ है, तो शायद आपका जवाब होगा नहीं। हम हमेशा दूसरे राज्य या दूसरे देश में घूमने के सपने देखतें हैं परन्तु छत्तीसगढ़ में अन्य राज्य या अन्य देशों से कहीं ज्यादा खूबसूरत जगह विद्यमान है। इन प्राकृतिक जगहों की अनभिज्ञता इसलिए है क्योंकि इनको ना तो सरकार द्वारा विकसित किया गया ना ही प्रचार। चलिए आज हम जानतें हैं, हरियाली से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ के 3 हिल स्टेशन के बारे में जो खुद में एक अलग पहचान रखता है। 

इतने सालों बाद इन जगहों को सरकार द्वारा संवारा जा रहा है। इसी के तहत एक ट्राइबल सर्किट का निर्माण कर विभिन्न जगहों को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये स्थान सच में इतना खूबसूरत है की यहाँ से दूर जाने का मन ही नहीं करता। अगर आप अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहते हैं तो इन जगहों पर जरूर जाएँ। वीक एन्ड को एन्जॉय करने के लिए ये जगहे काफी अच्छी हैं। 

बिलासपुर के कुरदर, कबीरधाम जिले के सरोधा दादर तथा कोण्डागांव के धनकुल में बना इको-एथनिक रिसॉर्ट ’’ट्राइबल टूरिज्म सर्किट’’ स्वदेश दर्शन योजना के तहत ये टूरिस्ट रिसार्ट बनाए गए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देना तथा प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर छत्तीसगढ़ की माटी को दुनिया के पटल पर रखना है। छत्तीसगढ़ में अनेक टूरिस्ट प्लेसेस ऐसे हैं जिनका मुकाबला किसी से नहीं किया जा सकता। 

छत्तीसगढ़ में स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत ट्राईबल टूरिज्म सर्किट विकसित किया जा रहा है। इसके तहत पर्यटन स्थलों में बुनियादी ढ़ांचा विकसित किया जा रहा है। पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प को भी बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ट्राइबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत कुल 13 स्थानों पर 96 करोड़ की लागत से ईको एथनिक टूरिस्ट रिसार्ट निर्मित कराए जा रहे हैं। जिसमें जशपुर, कुनकुरी, मैनपाट, कमलेश्वरपुर (मैनपाट), महेशपुर, कुरदर, सरोधा दादर, गंगरेल (धमतरी), नथियानवागांव, कोण्डागांव, जगदलपुर, चित्रकोट एवं तीरथगढ़ शामिल हैं। इस योजना के तहत क्रमशः कुरदर (बिलासपुर), सरोधा दादर (कबीरधाम) तथा धनकुल (कोण्डागांव) ईको एथनिक रिसार्ट का निर्माण पूरा कर लिया गया है। 

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छत्तीसगढ़ राज्य पर्यटन की दृष्टि से एक समृद्ध राज्य है, यहां वे सारी विशेषताएं उपलब्ध है जिसमें एक पर्यटक की रूचि होती है। हमारे राज्य में धार्मिक, पुरातात्विक एवं प्राकृतिक स्थलों की भरमार है। इसके साथ ही राज्य की पहचान यहां की आदिवासी एवं जनजातीय संस्कृति से भी है। पर्यटकों को अब सामान्य पर्यटन के साथ स्थानीय संस्कृति को भी निकट से देखने एवं उनकी विशेषताओं को समझने का अवसर मिलेगा।

हमारे प्रदेश में उत्तर में जशपुर से लेकर दक्षिण में कोंटा तक विभिन्न जनजातीय समुदाय निवास करते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य की आदिवासी एवं जनजातीय संस्कृति से पर्यटकों को परिचित कराने के लिए वर्ष 2016 में ट्रायबल टूरिज्म सर्किट की परियोजना स्वीकृत की गई है। इस योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य की आदिवासी एवं जनजातीय संस्कृति के वैभव, कला, संस्कृति, परंपरा, हस्तशिल्प और ग्रामीण परिवेश को नजदीक से देखने-समझने के लिए छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा पर्यटकों को इको-एथनिक वातावरण और सुविधाएं प्रदान करने की पहल की जा रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य में अति प्राचीन कई तरह की जनजातियां अपनी समृद्ध लोक परंपरा, संस्कृति, जीवन शैली और अनुष्ठानिक क्रियाओं को अपने आप में सहेजे हुए निवास करती हैं, जो छत्तीसगढ़ को अद्वितीय बनाती है।

कुरदर हिल इको रिसॉर्ट बिलासपुर:

रिसोर्ट से रायपुर की दूरी : 171 किलोमीटर 
रिसोर्ट से रतनपुर की दूरी : 30 किलोमीटर 


बिलासपुर जिला मुख्यालय से 52 किलोमीटर एवं बेलगहना से 12 किलोमीटर दूरी पर अचानकमार टाइगर रिजर्व बिलासपुर से लगी पहाड़ी पर स्थित है बैगा विलेज कुरदर। इको डेस्टीनेशन के रूप में कुरदर को विकसित किया गया है। कुरदर हिल इको रिसॉर्ट जहां प्रकृति हरियाली की चादर ओढ़े आपका हार्दिक स्वागत करती है। घने वनों से आच्छादित छत्तीसगढ़ की नैसर्गिक सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है।

सरोधा दादर (Sarodha Dadar) एथनिक रिसॉर्ट कबीरधाम:

रिसोर्ट से कवर्धा की दूरी : 34 
रिसोर्ट से रायपुर की दूरी: 150 
रिसोर्ट से बिलासपुर की दूरी: 115 

छत्तीसगढ़ राज्य में धरती और आकाश को मिलते हुए देखने का रोमाचंक एवं अदभुत दृश्य कबीरधाम जिले के सरोधा दादर (Sarodha Dadar) में देखा जा सकता है। यह चिल्फी घाटी पर स्थित है। एथनिक रिसॉर्ट के व्यू पाइंट से सूर्योदय और सूर्यास्त के समय कुदरत की खूबसूरती को बहुत ही करीब से देखा जा सकता है। पहाड़ी पर स्थित एथनिक रिसॉर्ट में ट्राइबल थीम पर हट्स, कैफेटेरिया और इंटरप्रिटेशन सेंटर का निर्माण किया गया है। यहां से पर्यटक घने वनों से आच्छादित छ.ग. की नैसर्गिक सुंदरता का लुत्फ उठा सकते है। इस एथनिक रिसॉर्ट में छत्तीसगढ़ में पहली बार विदेशों की तर्ज पर पर्यटकों के आवास के लिए वूडन कॉटेज का निर्माण किया गया है। इस रिसॉर्ट में एक भव्य मुक्ताकाश मंच का भी निर्माण किया गया है।

(Sarodha Dadar Resort Kabirdham)


सरोधा दादर हमें यह एहसास दिलाती है की हम किसी फेमस हिल स्टेशन पर आ गए हैं। पास में ही स्थित रानीदहरा जल प्रपात भी इस जगह की खूबसूरती को और भी आकर्षक बना देती है। ठण्ड के मौसम में यहाँ का तापमान 2 से 4 डिग्री तक पहुँच जाता है। 

धनकुल एथनिक रिसॉर्ट कोण्डागांव:

रिसोर्ट से कोण्डागांव की दूरी : 3.7 किलोमीटर 
रिसोर्ट से कांकेर की दूरी: 89 किलोमीटर 
रिसोर्ट से रायपुर की दूरी: 216 किलोमीटर 
रिसोर्ट से जगदलपुर की दूरी : 72 किलोमीटर 

कोण्डागांव जिले की खूबसूरत वादियों में पर्यटकों के लिये इस धनकुल में एथनिक रिसॉर्ट का निर्माण किया गया है। धनकुल एथनिक रिसॉर्ट जनजातीय समुदाय की परंपरागत विशेषताओं को वृहद रूप से सजोएं हुए किसी भी ट्राइबल विलेज से कम नहीं है। यहां आगमन के साथ ही जगदलपुर पैलेस की प्रतिकृति में निर्मित भव्य प्रवेश द्वार अपने वैभवशाली अतीत की कहानी खुद बयां करता है। रिसॉर्ट का प्रत्येक स्थल जनजातीय संस्कृति की अनुपम छटा प्रदर्शित करता है।



इस रिसॉर्ट में जनजातीय परपंरागत शैली में संग्रहालय का भी निर्माण किया गया है, जहां जनजातीय समुदाय के विभिन्न कालखंडो में दैनिक जीवन में उपयोग में लाए जाने वाले दुर्लभ वाद्य यंत्र, कृषि उपकरण, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, ढोकरा शिल्प, टेराकोटा एवं बांस शिल्प से निर्मित विभिन्न कलाकृतियों को धरोहर के रूप में प्रदर्शित किया गया है।

अगर आप प्रकृति की गोद में अपने फैमिली के साथ एक ना भूलने वाली यादगार लम्हा व्यतीत करना चाहते हैं तो यह स्थान आपको यह जगह बिलकुल भी निराश नहीं करेगा।


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